(Form) Veer Chandra Singh Garhwali PDF

उत्तराखंड राज्य पर्यटकों के लिए बहुत ही खास राज्य है। जिसके कारण यहाँ पर प्रीति वर्ष देश-दुनिया से बहुत से यात्री घूमने के लिए, या तीर्थ स्थलों के दर्शन करने के लिए केदारनाथ, बद्रीनाथ हरिद्वार, ऋषिकेश जैसे अन्य प्रमुख्य पर्यटन स्थलों पर आते हैं। राज्य सरकार द्वारा पर्यटन तथा रोजगार को बढ़ावा देने के लिए वीर चंद्र सिंह गढ़वाली योजना और पंडित दीन दयाल गृह आवास (होम स्टे) योजना का शुभारम्भ किया गया।

UK Paryatan Yojana का मुख्य उद्देश्य राज्य में स्वरोजगार प्रदान करना, तथा पर्यटन के क्षेत्र में उत्तराखंड का नाम विश्व के मानचित्र में अंकित करना है। जिसके लिए सरकार द्वारा समय – समय पर पर्यटकों को लुभाने के लिए अनेक प्रकार के कार्यक्रम व बहुत सी योजनायें शुरू की जाती है। जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार प्राप्त हो सके, बेरोजगारी के कारण तेजी से बढ़ते हुए पलायन को भी रोका जा सके। Veer Chandra Singh Garhwali Paryatan Swarojgar Yojana से जुडी अन्य जानकारी आवश्यक दस्तावेज, आवेदन फॉर्म, योजना के लिए पात्रता, दिशानिर्देश आदि।

Veer Chandra Singh Garhwali Yojana Form PDF

लेख वीर चंद्र सिंह गढ़वाली योजना PDF
Pandit Deen Dayal Griha Awas Yojana , UK Home Stay Scheme
शुरू की गयी Govt fo UK 
सम्बंधित विभाग Tourism Department
प्रारम्भ की गयी 1 Jun 2002
उद्देश्य रोजगार प्रदान करना, पलायन रोकना
लाभार्थी State resident
आवेदन प्रकिया Online, offline
आधिकारिक वेबसाइट vcsgscheme.uk.gov.in
VCSG Revised Guidelines PDF Download Here
Veer Chandra Singh Garhwali Loan Form PDF

वीर चंद्र सिंह गढ़वाली लोन के लिए आवश्यक दस्तावेज

  • Aadhar Card.
  • Passport size photo.
  • Date of birth or age certificate.
  • Educational qualification certificate.
  • residence certificate.
  • income certificate.
  • Project Report on Appendix-1.
  • Affidavit by Notary (Appendix 2).

पर्यटन स्वरोजगार योजना के लाभ –

  • वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन योजना से बहुत से लाभ हैं। योजना से जुड़े इस सभी Benefits का वर्णन हम आपको नीचे बिंदुओं के रूप में बतायेंगे।
  • योजना के माध्यम से स्वरोजगार खोलने के अवसर प्रदान होंगे।
  • प्रदेश में बेरोजगार कम होगी।
  • पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा साथ ही राज्य का राजस्व भी बढ़ेगा।
  • स्थानीय नागरिकों को रोजगार के लिए अन्य स्थानों पर पर्यटन नहीं करना पड़ेगा।

वीर चंद्र सिंह गढ़वाली योजना फॉर्म PDF 

राज्य सरकार रोजगार कार्य मंत्रालय/ पर्यटन विभाग द्वारा लोन प्रदान कर रही है। जिसके लिए पात्र लाभार्थियों को लोन पर सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है। वीर चंद्र सिंह गढ़वाली लोन योजना में पर्यटन विभाग द्वारा इलेक्ट्रिक बस या अन्य टैक्सी – कार खरीदने के लिए सरकार द्वारा 50% या 15 लाख रुपये की सब्सिडी तथा अन्य वाहनों पर 25% की छूट जबकि, गैर-वाहन में पर्वतीय क्षेत्रों के आवेदकों को 33 प्रतिशत या 15 लाख रुपये तक की सब्सिडी मिलेगी। वहीं मैदानी क्षेत्रों में आवेदन करने पर 25 % या 10 लाख रुपए की सब्सिडी दी जा रही है। Tourism Self-Employment Scheme (vcsgscheme) की अधिक जानकारी के लिए हमारे लेख के साथ बने रहें।

वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना आवेदन प्रक्रिया

योजना के तहत आवेदन करने के लिए आपको सभी प्रकार के आवश्यक दस्तावेजों को आवेदन पत्र के साथ संलग्न करना होगा। जिसके बाद अपने जिला मुख्यालय के पर्यटन कार्यालय में जमा करने होंगे। यदि आप ऑनलाइन आवेदन करना चाहते हैं तो इसके लिए यहाँ क्लिक करें

वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन योजना के तहत व्यवसाय –

वीर चंद्र सिंह गढ़वाली लोन योजना में निम्न लिखित व्यवसायों के लिए ऋण दिया जायेगा।

  • बस, टैक्सी कार जैसी अन्य गाड़ी खरीदने के लिए लोन।
  • वर्कशॉप निर्माण, मोटर – गैराज।
  • फास्टफूड सेण्टर दुकान आदि।
  • योग साधना ध्यान कुटीर केंद्रों खोलने के लिए ऋण।
  • गेस्ट हॉउस, पंडित दीन दयाल गृह आवास (होम स्टे), होटल आदि।
  • पीसीओ सिविधायुक्त पर्यटन सूचना केंद्र।
  • टेंट आवासीय सुविधा।
  • क्षेत्र विशेष के आकषर्णों एवं विशेषताओं के अनुरूप पर्यटन अभिनव परियोजना।

Eligibility Criteria for Veer Chandra Singh Garhwali Scheme

वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली ऋण योजना में सब्सिडी का में लाभ प्राप्त करने आवेदक के पास निम्नलिखित रूप से दी गयी पात्रताओं का होना आवश्यक है।

  • आवेदक उत्तराखंड का निवासी होना आवश्यक है। और स्वयं के नाम पर थोड़ी बहुत जमीन हो।
  • उम्मीदवार किसी और अन्य योजना के तहत स्वरोजगार के लिए आवेदक न हो या पहले से योजना का लाभार्थी न हो।
  • लाभार्थी किसी भी बैंक अथवा संस्था का बक़ायदार या डिफाल्टर नहीं होना चाहिए।
  • यदि आवेदक इस योजना के अंतर्गत आवेदन करना चाहता है तो उसे सब्सिडी के अलावा बची हुई रकम खुद जुटानी होगी।
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