समान नागरिक संहिता कानून PDF | Uniform Civil Code Bill in Hindi PDF

भारत में अनेक की संस्कृति- सभ्यता, भेष-भूषा , भाषा-बोली, धर्म-जाति हैं। जो अनेकता में एकता का प्रमाण देती है। लेकिन भारतीय संविधान द्वारा विशेष जाती-धर्म, संस्कृति- सभ्यता वाले समाज के लिए संविधान द्वारा अलग -अलग प्रकार के नियम (विधान) बनाये गये थे। जिसमें article 44 महत्पूर्ण है। देश की जनता की माँग और दिल्ली हार्ड कोर्ट द्वारा केंद्र सरकार को देश में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code Bill 2024 PDF) कानून लागू करने की बात कहि गयी है।
समान नागरिक संहिता बिल 2024 बनाने से और article 44 की धारा समाप्त करने से किन -किन नियमों में परिवर्तन होगा। और एक देश एक समान नागरिकता क्या है। इस भी जानकारियों,अवधारणा को पढने के लिए नीचे दिये लिंक पर क्लिक कर के पीडीएफ फाइल (Uniform Civil Code in Hindi PDF /समान नागरिक संहिता) के रूप में डाउनलोड कर सकते हैं।

Contents

Uniform Civil Code Bill in Hindi PDF 2024

लेख समान नागरिक संहिता कानून बिल PDF
कानून भारतीय
भाषा हिंदी इंग्लिश
 वर्ष 2024
फायदे एक देश एक नियम कानून
 उद्देश्य एक समान नागरिकता
Uniform Civil Code Bill 2024 PDF Download 
समान नागरिक संहिता कानून Hindi PDF

Saman Nagrik Sanhita Kanoon Kya Hai ?

भारत में जातिवाद और धर्म का अपना एक महत्पूर्ण इतिहास रहा है। जातिवाद और धर्म राजशाही तक बहुत ही प्रभाव पूर्ण रहा है। लेकिन देश में लोकतंत्र बनने के बाद इस में काफी ज्यादा कमी आयी और आज जनता में एक दूसरे के प्रति समानता की भावना बड़ी। भरतीय संविधान दुनिया का सबसे बड़ा संविधान होने के साथ साथ इस में अलग -अलग नियम कानून हैं। जो देश की विविधता को दर्शाते हैं। लेकिन नियम कानून पहले बनाये गये। तो उन नियमों के कारण आज कई फैसलों में परेशानी सामने आती है। इस लिए हाईकोर्ट द्वारा केंद्र सरकार को यूनिफॉर्म सिविल कोड (समान नागरिक सहित) लागू करने की बात कही गयी है।

indian constitution article 44 pdf

पुराने समय या आजादी के समय लोग अपने धर्म, जाति में शादी -ब्याह करना उचित मानते थे। लेकिन भारत में संविधान लागू होने से राजशाही समाप्त हो गयी। और योग्यता और कार्य कुशलता को बढ़ावा दिया गया। जिसे समाज में एक समता हो। आज लोग किसी भी धर्म या अन्य जाति में सादी विवाह आसनी से कर लेते हैं। लेकिन उनको मान्यता या कुछ मामलों में इंसाफ देने तब मुश्किल हो जाता है। जब धर्म या जाति के आधार पर अलग -अलग नियम व कानून हों। इस लिए देश में article 44 को लागू करने की माँग होती रहती है।

समान नागरिक संहिता कानून (uniform civil code) के फायदे –

  • फ़िलहाल संविधान में अलग -अलग जाति धर्म पर अलग -अलग कानून निर्धारित हैं। जो कई मामलों में बड़ी बाधा बन जाते हैं।
  • धार्मिक आधार पर अलग अलग नियम कानून होने के कारण लैंगिक न्याय भिन्न प्रकार के होते हैं। जो समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद स्वतः ही समाप्त हो जायेंगे।
  • समाज में महिलाओं या धार्मिक अल्पसंख्यकों व अन्य सहित संवेदनशील वर्ग हैं। उनको सामाजिक सुरक्षा और संरक्षण प्रदान किया जायेगा। ताकि राष्ट्रवादी भावना को बल मिले।
  • संविधान में एक मुख्य शब्द धर्मनिरपेक्षता है। जो समाज में सभी भी प्रकार की भेद-भाव की भावना को समाप्त करने पर बल देता है। ताकि देश प्रभुत्व रूप से लोकतान्त्रिक एक समान गणराज्य बन सके।

एक समान नागरिक कानून की आवश्यकता

  •  न्यायपालिका पर बुरा प्रभाव – धार्मिक आधार पर अलग -अलग कानून होने के कारण न्यायपालिका पर अधिक बोझ पड़ता है। जिससे न्याय प्रक्रिया में अधिक समय लगता है।
  • फैसले देने में चुनौती- उत्तराधिकार, शादी, तलाक, गोद जैसे अन्य फैसलों में भारतीय संविधान के अलग नियम हैं। जबकि पर्सनल लॉ के अपने अलग कानून हैं। जो अदालत में किसी दूसरे के फैसले को आसानी से चुनौती दे सकता है।
  • राष्ट्रीय एकता और समाजिक समानता – समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) की अवधारणा है। समाज में समाजिक रूप से समानता और धार्मिक भेद -भाव को समाप्त किया जा सके। जिसे राष्ट्रीय एकता और अखंडता मजबूत होगी।

अनुच्छेद 44 लागू होने से क्या – क्या होगा ?

Article 44 के तहत राज्य सभी धर्मों के लिए एक कानून बनाने का निर्देश देता है। जिससे समाज में शादी, तलाक, उत्तराधिकार और गोद लेने जैसे सामाजिक मुद्दे में कानूनी फैसले करने में भी आसानी हो। और समाज में ऊँच-नीचे की भेदभाव वाली भावना समस्या ताकि देश के सांस्कृतिक भावनाओं के साथ तालमेल बड़े है।

 

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