लक्ष्मी पूजन विधि मंत्र सहित PDF : Diwali Laxmi Puja Vidhi in Hindi

Download Laxmi Pujan Vidhi Mantr Sahit PDF भारत वर्षा में अलग-अलग देवी-देताओं (भगवानों) की पूजा की जाती है। नित्य पूजन करने वाले भक्त अलग अलग प्रक्रिया से पूजा -अर्चना करते हैं। माँ लक्ष्मी की पूजा सभी लोगों के घरों में की जाती है। जिसमें वैदिक मंत्रों का उच्चारण व पूजा पद्धति के अनुसार सम्पूर्ण किया जाता है। हिन्दू धर्म में पूजा करते समय दीपक की बहुत उपयोगिता होती है। क्यों कोई भी पूजा यहीं से शुरू होती है। मन्त्र उच्चारण के बाद पूजा विधि-विधान के बाद आरती की जाती है। इस तरह से अलग अलग पूजा सम्पन्न होते हैं।

Mantr Sahit Lakshmi Poojan Vidhi सुबह स्नान करने के बाद या शाम को लक्ष्मी पूजन कर रहें हैं। तो आपको हाथ मुँह धोकर पूजा स्थल (मंदिर कक्ष) में बैठना चाहिए। जहाँ माता लक्ष्मी का ध्यान करते हुये Lakshmi Poojan की प्रकिया शुरू करनी चाहिये। मां लक्ष्मी पूजन की मंत्र सहित विधि in Hindi में पढ़ने के लिए लेख के साथ बने रहें।

लक्ष्मी पूजन विधि मंत्र सहित PDF

Name of PDF लक्ष्मी पूजन विधि मंत्र सहित In Hindi
Language Hindi/ Sanskrit
Number of pages 17
PDF Size 2.60 MB
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लक्ष्मी पूजन विधि

माँ लक्ष्मी का पूजन उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुँह कर के की जाती है। जिसके पूजनकर्ता प्रातः काल या संध्याकाल में शुभ मुहूर्त पर कर सकते हैं। पूजा करते समय विशेष ध्यान आत्म शुद्धी का रखें।

  • पवित्रकरण :
    बाएँ हाथ में जल लेकर दाहिने हाथ की अनामिका से निम्न मंत्र बोलते हुए अपने ऊपर एवं पूजन सामग्री पर जल छिड़कें-
    ॐ अपवित्रः पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोऽपि वा ।
    यः स्मरेत्‌ पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यंतरः शुचिः ॥
    पुनः पुण्डरीकाक्षं, पुनः पुण्डरीकाक्षं, पुनः पुण्डरीकाक्षं ।
  • आसन :
    निम्न मंत्र से अपने आसन पर उपरोक्त तरह से जल छिड़कें-
    ॐ पृथ्वी त्वया घता लोका देवि त्वं विष्णुना घृता ।
    त्वं च धारय मां देवि पवित्रं कुरु च आसनम्‌ ॥
  • आचमन :
    दाहिने हाथ में जल लेकर तीन बार आचमन करें-
    ॐ केशवाय नमः स्वाहा,
    ॐ नारायणाय नमः स्वाहा,
    ॐ माधवाय नमः स्वाहा ।
  • यह बोलकर हाथ धो लें-
    ॐ गोविन्दाय नमः हस्तं प्रक्षालयामि ।
  • दीपक :
    दीपक प्रज्वलित करें (एवं हाथ धोकर) दीपक पर पुष्प एवं कुंकु से पूजन करें-
    दीप देवि महादेवि शुभं भवतु मे सदा ।
    यावत्पूजा-समाप्तिः स्यातावत्‌ प्रज्वल सुस्थिराः ॥
  • (पूजन कर प्रणाम करें)

Sanskrit Mantr Laxmi Pujan

स्वस्ति-वाचन : माता लक्ष्मी का ध्यान करते समय इन मंत्रों को बोलें –

ॐ स्वस्ति न इंद्रो वृद्धश्रवाः स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः ।
स्वस्ति नस्तार्क्ष्यो अरिष्ट्टनेमिः स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु ॥
द्यौः शांतिः अंतरिक्षगुं शांतिः पृथिवी शांतिरापः
शांतिरोषधयः शांतिः। वनस्पतयः शांतिर्विश्वे देवाः
शांतिर्ब्रह्म शांतिः सर्वगुं शांतिः शांतिरेव शांति सा
मा शांतिरेधि। यतो यतः समिहसे ततो नो अभयं कुरु ।
शंन्नः कुरु प्राजाभ्यो अभयं नः पशुभ्यः। सुशांतिर्भवतु ॥

माता लक्ष्मी जी की आरती –

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।।
तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता।
ॐ जय लक्ष्मी माता।।
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।
मैया तुम ही जग-माता।।
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता।
ॐ जय लक्ष्मी माता।।
दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।
मैया सुख संपत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता।
ॐ जय लक्ष्मी माता।।
तुम पाताल-निवासिनि,तुम ही शुभदाता।
मैया तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी,भवनिधि की त्राता।
ॐ जय लक्ष्मी माता।।
जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।
मैया सब सद्गुण आता।
सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता।
ॐ जय लक्ष्मी माता।।
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।
मैया वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव,सब तुमसे आता।
ॐ जय लक्ष्मी माता।।
शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता।
मैया क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता।
ॐ जय लक्ष्मी माता।।
महालक्ष्मी जी की आरती,जो कोई नर गाता।
मैया जो कोई नर गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता।
ॐ जय लक्ष्मी माता।।
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता।
ॐ जय लक्ष्मी माता।।

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