Karwa Chauth Vrat Kahani Hindi Mai PDF Download : करवा चौथ एक हिंदू संस्कृति में सुहागिन नारी द्वारा किये जाने वाला निर्जल व्रत है। यह व्रत नारी अपने पति की दीर्घायु और उनके सुख-ऐश्वर्य की कामना के लिए करती हैं। यह एक नारी पर्व है जिसे कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। इस वर्ष करवा चौथ को आ रहा है।इस दिन सभी सुहागिन नारियां श्रद्धा के साथ पति की दीर्धायु के लिए यह व्रत करती है। अतः करवा चौथ की पूजा में किसी तरह की कमी न हो इस लिए आपके लिए आज हम Karwa Chauth में सुहागिन महिलाओं (सास,जेठानी,देवरानी) लिस्ट की जानकारी लेके आएं हैं।
Karwa Chauth Vrat Katha 2024 PDF
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चतुर्थी तिथि समाप्त | |
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Karwa Chauth 2024 Vrat Katha in Hindi: एक साहूकार के सात लड़के और एक लड़की थी। सेठानी के सहित उसकी बहुओं और बेटी ने करवा चौथ का व्रत रखा था। रात्रि को साहकार के लड़के भोजन करने लगे तो उन्होंने अपनी बहन से भोजन के लिए कहा। इस पर बहन ने बताया कि उसका आज उसका व्रत है और वह खाना चंद्रमा को अर्घ्य देकर ही खा सकती है। सबसे छोटे भाई को अपनी बहन की हालत देखी नहीं जाती और वह दूर पेड़ पर एक दीपक जलाकर चलनी की ओट में रख देता है। जो ऐसा प्रतीत होता है जैसे चतुर्थी का चांद हो। उसे देख कर करवा उसे अर्घ्य देकर खाना खाने बैठ जाती है। जैसे ही वह पहला टुकड़ा मुंह में डालती है उसे छींक आ जाती है। दूसरा टुकड़ा डालती है तो उसमें बाल निकल आता है और तीसरा टुकड़ा मुंह में डालती है तभी उसके पति की मृत्यु का समाचार उसे मिलता है। वह बेहद दुखी हो जाती है।
उसकी भाभी सच्चाई बताती है कि उसके साथ ऐसा क्यों हुआ। व्रत गलत तरीके से टूटने के कारण देवता उससे नाराज हो गए हैं। इस पर करवा निश्चय करती है कि वह अपने पति का अंतिम संस्कार नहीं करेगी और अपने सतीत्व से उन्हें पुनर्जीवन दिलाकर रहेगी। वह पूरे एक साल तक अपने पति के शव के पास बैठी रहती है। उसकी देखभाल करती है। उसके ऊपर उगने वाली सूईनुमा घास को वह एकत्रित करती जाती है।
एक साल बाद फिर चौथ का दिन आता है, तो वह व्रत रखती है और शाम को सुहागिनों से अनुरोध करती है कि ‘यम सूई ले लो, पिय सूई दे दो, मुझे भी अपनी जैसी सुहागिन बना दो’ लेकिन हर कोई मना कर देती है। आखिर में एक सुहागिन उसकी बात मान लेती है। इस तरह से उसका व्रत पूरा होता है और उसके सुहाग को नये जीवन का आर्शिवाद मिलता है। इसी कथा को कुछ अलग तरह से सभी व्रत करने वाली महिलाएं पढ़ती और सुनती हैं।